बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर तीसरे मोर्चे का गठन हो चुका है। AIMIM को महागठबंधन में शामिल नहीं किए जाने के बाद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने बिहार चुनाव के लिए चन्द्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज और स्वामी प्रसाद मौर्य की अपनी जनता पार्टी के साथ गठबंधन किया है। इस गठबंधन को ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (GDA) नाम दिया गया है। AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने बुधवार को किशनगंज में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए पार्टी ने सेक्युलर दलों के साथ गठबंधन किया है।
ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) आज़ाद समाज पार्टी और स्वामी प्रसाद मौर्या की पार्टी के गठबंधन ने बिहार चुनाव और राजनीति की दिशा ही बदल दी है और इससे बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है।
इस चुनाव में इस बार युवा मतदाता काफी रूचि ले रहे हैं और सक्रिय भी हैं। वे रोजगार और वास्तविक विकास के मुद्दे पर जोर दे रहे हैं, और इसी आधार पर वे मतदान करेंगे कि कौन सा पार्टी और उम्मीदवार उनके लिए बेहतर है।
बिहार चुनाव 2025 राज्य की राजनीतिक दिशा तय करने वाला एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इस चुनाव में प्रमुख दल जैसे राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल (यूनाइटेड), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय पार्टियाँ आमने-सामने हैं। इस बार मतदाता विकास, रोजगार, कानून-व्यवस्था और शिक्षा जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए अपने प्रतिनिधियों का चयन करेंगे। चुनाव की तारीखें, प्रत्याशियों की सूची, और परिणामों से जुड़ी हर जानकारी पर जनता की नज़र टिकी हुई है। बिहार की जनता एक बार फिर लोकतंत्र की राजनीति और चुनाव में अपने महत्वपूर्ण अधिकारों द्वारा निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार है। मतदाता विकास, रोजगार, कानून-व्यवस्था और शिक्षा जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए अपने प्रतिनिधियों का चयन करेंगे। चुनाव की तारीखें, प्रत्याशियों की सूची, और परिणामों से जुड़ी हर जानकारी पर जनता की नज़र टिकी हुई है। बिहार की जनता एक बार फिर लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने बुधवार (15 OCT) को तीसरे मोर्चे, ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (जीडीए) के गठन की घोषणा की, जो आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से कम से कम 64 पर चुनाव लड़ेगा।

एआईएमआईएम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने गठबंधन दलों के नेताओं के साथ किशनगंज में मीडिया को जानकारी दी, जिसमें कहा गया कि जीडीए में एआईएमआईएम, चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (एएसपी) और स्वामी प्रसाद मौर्य की अपना जनता जनता पार्टी (एजेपी) शामिल हैं।
जीडीए (GDA) के गठन ने बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है। जीडीए (GDA) के गठन से बिहार में अन्य पार्टियों को राजनीतिक नुक्सान होने की संभावना बढ़ गई है और कांटे की टक्कर देखी जा रही है।
यह नया गठबंधन बिहार की राजनीति में एक नया समीकरण बनाने की कोशिश कर रहा है। GDA का मानना है कि वे उन लोगों की आवाज बनेंगे जिन्हें मुख्यधारा की राजनीति में अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। यह गठबंधन खासकर उन सीटों पर ध्यान केंद्रित करेगा जहां दलित, पिछड़े और मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में हैं। AIMIM का यह कदम बिहार में एक मजबूत ‘तीसरे मोर्चे’ की तलाश को दर्शाता है, जो राज्य की पारंपरिक राजनीतिक शक्तियों को चुनौती दे सके।
