भारत ने कहा – अफगान दूतावास की गतिविधियों पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं, विपक्ष  ने उठाए सवाल, कहा – महिलाओं का यह ‘अपमान’ अस्वीकार्य है

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की शुक्रवार को अफगानिस्तान दूतावास, नई दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस अब विवादों में घिर गई है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसी भी महिला पत्रकार को शामिल नहीं किया गया, जिसके बाद देशभर में आक्रोश फैल गया। कई महिला पत्रकारों ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रेस मीट में प्रवेश से रोका गया, जबकि उन्होंने सभी नियमों और dress code का पालन किया था।
इस विवाद पर शनिवार को भारत सरकार ने स्पष्ट बयान जारी किया और कहा कि “इस घटना में भारत की कोई भूमिका नहीं थी।” विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए आमंत्रण अफगानिस्तान के Consul General, Mumbai द्वारा भेजे गए थे और यह कार्यक्रम
अफगान दूतावास परिसर में आयोजित किया गया था, जो भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी एक सप्ताह के भारत दौरे पर रहे। वह भारत में लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं लेकिन इन कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को दूर रखने पर विवाद बना हुआ है। इस बीच रविवार को मुत्तकी की एक और प्रेस कॉन्फ्रेस हुई, जिसमें महिला पत्रकारों को बकायदा आमंत्रित  किया गया । इस दौरान महिलाएं प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहली कतार में बैठी नजर आईं।

महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति पर नाराजगी शुक्रवार को (10 अक्टूबर) आयोजित इस प्रेस मीट में केवल पुरुष पत्रकार मौजूद थे। कई महिला पत्रकारों को गेट पर ही रोक दिया गया, जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की। कई पत्रकारों ने इसे तालिबान सरकार की महिला विरोधी नीति का प्रतिबिंब बताया।

ज्ञात रहे कि तालिबान प्रशासन पर महिलाओं के खिलाफ लगातार प्रतिबंध लगाने के आरोप लगते रहे हैं। उन्होंने हाल ही में अफगान विश्वविद्यालयों में महिलाओं द्वारा लिखी गई किताबों पर बैन लगा दिया था और 18  शैक्षणिक पाठ्यक्रम (जैसे लिंग और विकास, महिला समाजशास्त्र, मानवाधिकार, अफ़ग़ान संवैधानिक कानून

आदि) को हटा दिया था।

 विपक्ष  का सवाल – “भारत में महिलाओं का अपमान क्यों?

विपक्षी नेताओं ने इस घटना पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि हमारे देश में यह कैसे हुआ? भारत की महिलाएं इस देश की backbone और pride हैं, और उनका यह अपमान अस्वीकार्य है।”

पूर्व मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि जब पुरुष पत्रकारों को पता चला कि उनकी महिला सहकर्मियों को प्रवेश नहीं दिया गया, तो उन्हें प्रेस वार्ता से वाक आउट कर लेना चाहिए था। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “यह बेहद चौंकाने वाला और शर्मनाक है कि महिला पत्रकारों को इसमें शामिल नहीं किया गया। पुरुष पत्रकारों को इसमें भाग लेने से इनकार कर देना चाहिए था।”

भारत-अफगानिस्तान संबंधों में नया अध्याय:

विवाद के बीच यह भी उल्लेखनीय है कि अमीर खान मुत्तकी की भारत यात्रा को भारत-अफगानिस्तान संबंधों में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। Muttaqi गुरुवार को भारत पहुंचे और शुक्रवार को उन्होंने External Affairs Minister S. Jaishankar से मुलाकात की।

बैठक के बाद जय शंकर ने घोषणा की कि काबुल में भारत का तकनीकी मिशन

को अब दूतावास का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “
भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत, अफगानिस्तान के विकास और प्रगति में गहरी रुचि रखता है और छह नए भारत समर्थित परियोजनाएँ की भी घोषणा की।

जहां एक ओर यह घटना महिला अधिकारों और मीडिया की आज़ादी को लेकर सवाल खड़े कर रही है, वहीं दूसरी ओर यह भारत और अफगानिस्तान के संबंधों में एक कूटनीतिक बदलाव का संकेत भी देती है। हालांकि, महिला पत्रकारों को प्रवेश से रोकने की घटना ने यह बहस फिर शुरू कर दी है कि Taliban शासन के मूलभूत विचार और मानवाधिकारों की स्थिति अब भी पुराने स्वरूप में कायम हैं — और भारत को ऐसे आयोजनों में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।

10 अक्टूबर 2025 को, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने नई दिल्ली में अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री, मावलवी अमीर ख़ान मुत्तक़ी के साथ विस्तृत चर्चा की। दोनों पक्षों ने आपसी हितों के व्यापक मुद्दों के साथ-साथ महत्वपूर्ण क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर भी चर्चा की।


विदेश मंत्री ने अफ़ग़ान लोगों के साथ भारत की दीर्घकालिक मित्रता दोहराई और दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने अफ़ग़ान लोगों की आकांक्षाओं और विकासात्मक आवश्यकताओं का समर्थन करने के लिए भारत की निरंतर प्रतिबद्धता व्यक्त की।

विदेश मंत्री ने 22 अप्रैल 2025 को भारत के जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करने और भारत की जनता व सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदना और एकजुटता व्यक्त करने के लिए अफ़ग़ानिस्तान की गहरी सराहना की। दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय देशों से उत्पन्न सभी आतंकवादी कृत्यों की स्पष्ट रूप से निंदा की। उन्होंने क्षेत्र में शांति, स्थिरता और आपसी विश्वास को बढ़ावा देने के महत्व पर ज़ोर दिया।

विदेश मंत्री ने हाल ही में नांगरहार और कुनार प्रांतों में आए विनाशकारी भूकंप से हुई जनहानि पर शोक व्यक्त किया। विदेश मंत्री ने इस आपदा में सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले देश के रूप में भारत की भूमिका और राहत सामग्री पहुँचाने के लिए उसकी सराहना की।

अफगानिस्तान की आर्थिक सुधार और विकास की तत्काल आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत विकास सहयोग परियोजनाओं, विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा, सार्वजनिक अवसंरचना और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में अपनी भागीदारी को और गहन करेगा।

अफ़ग़ानिस्तान के साथ भारत के चल रहे स्वास्थ्य सेवा सहयोग के तहत, कई परियोजनाएँ शुरू की जा रही हैं, जिनमें एक थैलेसीमिया केंद्र, एक आधुनिक निदान केंद्र की स्थापना और काबुल स्थित इंदिरा गांधी बाल स्वास्थ्य संस्थान (IGICH) में हीटिंग सिस्टम को बदलना शामिल है। इसके अतिरिक्त, भारत काबुल के बगरामी ज़िले में 30 बिस्तरों वाला एक अस्पताल, काबुल में एक ऑन्कोलॉजी केंद्र और एक ट्रॉमा सेंटर, और पक्तिका, खोस्त और पक्तिया प्रांतों में पाँच प्रसूति स्वास्थ्य क्लिनिक का निर्माण करेगा। लगभग 75 कृत्रिम अंग अफ़ग़ान नागरिकों को सफलतापूर्वक लगाए गए हैं, जिसकी अफ़ग़ान सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय दोनों ने व्यापक रूप से सराहना की है। भारत अफ़ग़ान नागरिकों को चिकित्सा सहायता और उच्च-गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना जारी रखेगा।

एक विशेष सद्भावना के रूप में, भारत अफ़ग़ानिस्तान के लोगों को बीस एम्बुलेंस उपहार में देगा। विदेश मंत्री के साथ अपनी बैठक के बाद, विदेश मंत्री ने प्रतीकात्मक रूप से इन एम्बुलेंसों को सौंपा।

क्षमता निर्माण के क्षेत्र में, भारत ई-आईसीसीआर छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत अफ़ग़ान छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करना जारी रखे हुए है। आईसीसीआर और अन्य छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के अंतर्गत अफ़ग़ान छात्रों के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों में अध्ययन हेतु अन्य अवसरों पर सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है।

भारत ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में आवासीय भवनों के पुनर्निर्माण में अफगान सरकार की सहायता करने की इच्छा व्यक्त की।

दोनों पक्षों ने सांस्कृतिक संपर्क को बढ़ावा देने के लिए खेलों, विशेषकर क्रिकेट में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।

दोनों पक्षों ने भारत-अफ़ग़ानिस्तान हवाई माल ढुलाई गलियारे (IFA) की शुरुआत का स्वागत किया, जिससे दोनों देशों के बीच प्रत्यक्ष व्यापार और वाणिज्य को और बढ़ावा मिलेगा। इस नए गलियारे से कनेक्टिविटी सुचारू होने और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

अफगान पक्ष ने भारतीय कंपनियों को खनन क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया, जिससे द्विपक्षीय व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

हेरात में भारत-अफगानिस्तान मैत्री बांध (सलमा बांध) के निर्माण और रखरखाव में भारत की सहायता की सराहना करते हुए, दोनों पक्षों ने सतत जल प्रबंधन के महत्व को भी रेखांकित किया और अफगानिस्तान की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने और उसके कृषि विकास का समर्थन करने के उद्देश्य से जलविद्युत परियोजनाओं पर सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की।

 दोनों पक्षों ने निकट संवाद बनाए रखने तथा नियमित संपर्क जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।

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