
कभी अपने देश में सबसे ताकतवर और चर्चित माने जाने वाले कई नेताओं को हालिया समय में जनता के विरोध, सैन्य तख्तापलट या क्रांति की लहर में अपनी सत्ता गंवानी पड़ी है। कई नेताओं को अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़कर भागना या छिपना तक पड़ा है। इसी सूची में अब मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना भी शामिल हो गए हैं। राजोएलिना कुछ हफ्तों से जेन-जी के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों का सामना कर रहे थे। शनिवार को विरोध का नाटकीय मोड़ तब आया जब एक विशेष सैन्य इकाई ने विरोध में शामिल होकर राष्ट्रपति और अन्य मंत्रियों से इस्तीफा देने की मांग की। इसके बाद राजोएलिना ने कहा कि हिंद महासागर में स्थित द्वीप में सत्ता पर अवैध कब्जा करने का प्रयास हो रहा है और उन्होंने देश छोड़ने का निर्णय लिया।
25 सितंबर से शुरू हुए ये प्रदर्शन शुरू में पानी और बिजली की किल्लत को लेकर थे, लेकिन धीरे-धीरे यह आंदोलन राष्ट्रपति और उनकी सरकार के खिलाफ व्यापक असंतोष में बदल गया। तीन हफ्तों से चल रहे इस जेन-जी के नेतृत्व वाले विरोध में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने शुरुआती दिनों में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर सरकार की हिंसक प्रतिक्रिया की आलोचना की थी।
मेडागास्कर में सैन्य तख्तापलट की यूएन ने की कड़ी निंदा
मेडागास्कर में विरोध प्रदर्शन इतने उग्र हो गए कि राष्ट्रपति एंड्री राजोइलिना को देश छोड़कर भागना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने मेडागास्कर में पिछले कुछ सप्ताहों से जारी बड़े विरोध प्रदर्शनों ने देश में सत्ता परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त कर दिया। विरोध प्रदर्शन इतने उग्र हो गए कि राष्ट्रपति एंड्री राजोइलिना को देश छोड़कर भागना पड़ा। ताजा घटनाक्रम में, संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने मेडागास्कर में हुए हालिया सैन्य तख्तापलट की कड़ी निंदा की है। वहीं, कर्नल माइकल रैंड्रियानीरिना, जिन्होंने इस तख्तापलट का नेतृत्व किया, शुक्रवार को उच्च संवैधानिक न्यायालय में आयोजित समारोह में मेडागास्कर के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा वे मेडागास्कर में असंवैधानिक सरकार परिवर्तन की निंदा करते हैं और संवैधानिक व्यवस्था और कानून के शासन की वापसी का आह्वान करते हैं।

सेना ने संभाली देश की बागडोर
रैंड्रियानीरिना ने कहा कि मंगलवार को हमने जिम्मेदारी ली क्योंकि देश में अब न राष्ट्रपति है और न प्रधानमंत्री और न ही संसद की कोई सक्रियता। हालांकि मेडागास्कर के संवैधानिक न्यायालय ने भी रैंड्रियानीरिना को अंतरिम रूप से राष्ट्रपति पद संभालने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि देश में संकट को जल्दी खत्म करने के लिए नई सरकार जल्द बनाई जाएगी और एक नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाएगा।
क्यों राजोइलिना ने छोड़ा देश, क्या है कारण
हालांकि इन सबसे अलग 2018 से सत्ता में रहने वाले पूर्व राष्ट्रपति राजोइलिना ने इस कदम को गैरकानूनी सैन्य तख्तापलट बताया है। साथ ही ये भी दावा किया कि उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़ा है। वहीं कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ओलुफेमी ताइवो ने कहा कि यह एक सिविल सोसाइटी (नागरिक आंदोलन) है, जिसे सेना के बिना सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने अफ्रीकी संघ से इस तख्तापलट की कड़ी निंदा करने की अपील की। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अफ्रीकी संघ की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, हालांकि अफ्रीकी संघ ने एक आपात बैठक बुलाई है।
मेडागास्कर में कई बार हो चुके है तख्तापलट
मेडागास्कर में 1960 में फ्रांस से स्वतंत्रता मिलने के बाद कई बार तख्तापलट हो चुके हैं। खुद राजोइलिना भी 2009 में सेना के समर्थन से सत्ता में आए थे। इस बार के विद्रोह में बड़ी भूमिका जेन-जी युवाओं की रही, जो पिछले एक महीने से पानी, बिजली और बुनियादी सेवाओं की कमी के खिलाफ सड़कों पर थे। प्रदर्शन 25 सितंबर से पानी और बिजली की कमी को लेकर शुरू हुए थे और इस आंदोलन को युवाओं ने जेन-जेड मेडागास्कर नाम दिया है।
